Description
कलीसिया यीशु की है। क्या आप उसके अधिकार पर भरोसा करेंगे?
दुख की बात यह है की अनेक ख्रिस्तीयगण कभी रुककर यह नहीं पूछते है की परमेश्वर का वचन इस विषय मे क्या कहता है की कलीसिया को किस प्रकार कार्य करना चाहिए और उसे क्या करना चाहिए। वे मान कर चलते है कि कलिसिया का मिशन हमारी अपनी क्षमताओ और रचनात्मक पर निर्भर है। इस संसाधन मे, डेविड प्लैट ने परमेश्वर के वचन से बारह विशेषताओ को विशिष्ट रूप से दर्शाया है जिन्हे प्रत्येक कलिसिया की विशेषता होनी चाहिए।
१. प्रचार और शिक्षण २. विधीय
३. सुसमाचार प्रचार ४. संगति
५. शिष्यता ६. जवाबदेही
७. प्रार्थना ८. अगुवाई
९. देना १०. आराधना
११. सदस्यता १२. मिशन
कोई भी कलिसीया सिद्ध नहीं है, परन्तु जब हम परमेश्वर की योजना को अपनाते है, तो हम पाएंगे कि उसकी बुद्धि और उसकी सामर्थ्य उस मिशन के लिए पर्याप्त से अधिक है जो ख्रिस्ट ने अपने लोगों को दिया है- सभी राष्ट्रों के चेले बनना।
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