Description
प्रेरित पौलुस ने अपने प्रचार में सुसमाचार को पहला स्थान दिया था, उन्होनें अपने पुरे सामर्थ्य के साथ स्पष्ट रूप से घोषणा करने का यत्न किया, और यहॅा तक कि उन्होने उसके सत्य को बिगाङनें वालों के विरोध अभिशाप की घोषणा भी की। फिर भी यह कितने दुख की बात है कि जो खुद को सुसमाचारीय मानतें है, उनके मध्य भी कोई है जिन्होने सुसमाचार के संदेश को चंद्र घिर्से पीते बयानों तक सीमीत रखा है जिन्हें बार्र बार दोहराया जाता है, और वे हृदय परिवर्तन को मात्र मानवीय निर्णय के रूप में देंखते हैं। ‘सुसमाचार की बुलाहट और सच्चा परिवर्तन में पौल वॅाशर एसे ‘आसान विश्वासवाद'(विश्वास नीति) को चुनौती देते हैं जब वे विश्वास, पश्चाताप, और मसीह को ग्रहण करने जैसी बातों के वास्तविक अर्थ को परिक्षण करते हैं’। साथ ही वे व्यापक रूप से उद्धारदायक अनुग्रह के परिणामों की विवेचना करते हैं जिसकी प्रतिज्ञा परमेश्वर मे नए नियम में की है, अर्थात नए हृदय और नए लोगों की सृष्टि।
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