Description
जैसे मसीही जीवन साधनों के बिना आरम्भ नहीं होता, वैसे ही यह उनके बिना बढ़ भी नहीं सकता।
मसीही जीवन भय उत्पन्न कर सकता है, विशेषकर उस संसार में जो परमेश्वर के मार्गों का बैरी है। परन्तु अच्छा समाचार यह है कि जिस परमेश्वर ने हमें पवित्र होने के लिए बुलाया है, उसने हमारी भक्ति में बढ़ोतरी के लिए सहायक साधनों को भी ठहराया है। भक्तिपूर्ण जीवन के लिए पवित्र सहायताएँ (Holy Helps for a Godly Life) में रिचर्ड रॉजर्स यह दर्शाते हैं कि भक्ति के साधन क्या हैं, उनका स्वरूप कैसा है, और उन्हें किस रीति से प्रयोग में लाना चाहिए। परमेश्वर ने यह प्रतिज्ञा की है कि जो कोई इन साधनों का सही और आदर-भाव से प्रयोग करेगा, तो उसे वह अनुग्रह प्रदान करेगा; और जो विश्वास से इन साधनों को अपनाएगा, वह स्वयं इनके मूल्य को जान जाएगा।
“इस पुस्तक की सलाह जवान और बूढ़े दोनों प्रकार के विश्वासियों के लिए उपयोगी है—चाहे वे विश्वास में नए हों या आत्मिक रूप से परिपक्व। यह न केवल यह दर्शाती है कि रॉजर्स को पवित्रशास्त्र को स्पष्ट रीति से सिखाने का वरदान प्राप्त था, परन्तु यह भी कि उनमें एक चरवाहे के समान दैनिक मसीही जीवन के लिए व्यावहारिक मार्गदर्शन देने की चिन्ता थी। भक्तिपूर्ण जीवन के लिए पवित्र सहायताएँ (Holy Helps to a Godly Life) यह पुस्तक आज भी उतनी ही मूल्यवान है जितनी कि यह सन् 1603 में पहली बार प्रकाशित होते समय थी। अब, RHB और ब्रायन हेजेस के कारण, भक्त रिचर्ड रॉजर्स, ‘मरने पर भी, अब तक बातें करते हैं’ (इब्रानियों 11:4)।”
डोनल्ड एस. व्हिटनी, बाइबल आधारित आत्मिकता के प्रोफेसर एवं एसोसिएट डीन, द साउदर्न बैपटिस्ट थियोलॉजिकल सेमिनरी, लुईविल, और स्पिरिचुअल डिसिप्लिन्स फॉर द क्रिश्चियन लाइफ (मसीही जीवन के लिए आत्मिक अनुशासन) पुस्तक के लेखक।
रिचर्ड रॉजर्स (1551–1618) वेदर्सफील्ड के एक अंग्रेज़ प्यूरीटन सेवक थे, जिन्होंने प्रेसबिटेरियन कलीसिया व्यवस्था का समर्थन किया और व्यावहारिक भक्ति को प्रोत्साहित किया।
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