Description
जहाँ दो या तीन उपस्थित हों, वहाँ संघर्ष आम बात है। कलीसिया इस से भिन्न नहीं है।
‘यदि तुम एक दूसरे को दाँत से काटते और फाड़ खाते हो’ शायद ही एकमात्र, अपने आप में अनोखी मसीही पुस्तक है जो कलीसिया के संघर्षों के लिए निवारण प्रस्तुत करती है। विभिन्न प्रकार के संघर्ष पर दिए गए बाइबल के अनुच्छेदों की छान-बीन करती है। संघर्षो का समाधान करने हेतु मुख्य बाइबल सिद्धांतो की रूपरेखा प्रस्तुत करती है। आत्मा द्वारा नियंत्रित प्रवृत्तियों और दूसरों के साथ आचरणों पर जोर देती है। उदाहणों के रुप में वास्तविक जीवन की घटनाओं से संदर्भ लेकर विषयवस्तु को फिर से समझाती है।
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